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kisan-credit-card-apply-loanभारत सरकार ने किसानों को उनकी फसल में लगने वाली लागत और किसानों को अन्य आकस्मिक खर्चो के लिए, किसान के खेत में लगी फसल अनुसार ऋण देती है। इसे ही किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) या केसीसी (KCC) कहते हैं। 

केसीसी किसानो को राष्ट्रीयकृत बैंक और ग्रामीण बैंकों द्वारा दिया जाता है। किसान अपने ग्राम के पास जो भी राष्ट्रीयकृत बैंक या ग्रामीण बैंक है उस बैंक से केसीसी ले सकता है। केसीसी में कितनी राशि मिलेगी यह लगाए जाने वाली फसल पर निर्भर होता है। 

यदि महँगी फसल जैसे अदरक या लहसुन लगाया जाता है के सी सी (K C C) की राशि बढ़ जाती है। बैंक केसीसी देने के पूर्व किसान की ऋण पटाने यानी भुगतान की क्षमता को भी देखता है।

केसीसी लेने के कौन किसान पात्र हैं?

Who Can Apply or Get KCC - Kisan Credit Card -: यहाँ नीचे हम किसान क्रेडिट कार्ड को प्राप्त करने हेतु कुछ नियम प्रदान कर रहे हैं। कृपया इन नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • किसान को कृषि भूमि का स्वामी होना आवश्यक है। केसीसी के लिए भूमि की सीमा तय नहीं है। आधे एकड़ या उससे अधिक भूमि का स्वामी केसीसी प्राप्त कर सकता है। 
  • कुछ बैंक भूमि ठेके पर लेकर खेती करने वाले को भी केसीसी देते हैं। किन्तु ऐसा व्यक्ति बैंक को केसीसी देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। 

किसान क्रेडिट कार्ड हेतु आवेदन प्रक्रिया

Procedure to Apply or Obtain Kisan Credit Card - KCC -: यहाँ नीचे हम आपको किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने हेतु पूरी प्रक्रिया बता रहे हैं। कृपया सभी बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  • किसान  को अपनी ऋण पुस्तिका लेकर बैंक में जाकर बैंक के कृषि अधिकारी से मिलना पड़ता है। कृषि अधिकारी सभी बैंकों में होते हैं। यह अधिकारी ऋण पुस्तिका को देखता है और बैंक के वकील से भूमि की सर्च रिपोर्ट बनाने को कहता है। जब किसान उस वकील के पास जाता है तब वकील भूमि सबंधी जानकारी राजस्व अभिलेखों को देखता है और सर्च रिपोर्ट बनाकर देता है। वकील यह देखता है की जिस भूमि पर ऋण लिया जा रहा है वह किसी अन्य व्यक्ति के पास गिरवी या उस पर ऋण तो नहीं लिया गया है। 
  • किसान सर्च रिपोर्ट लेकर आता है तब कृषि अधिकारी एक फार्म किसान से भरवाता है। लगभग चार किसान के फोटो की आवश्यकता होती है और इसके लिए "दो जमानतदार" जिनका खाता उस बैंक में हो के हस्ताक्षर भी लेता है। 
  • क्रमांक २ में दर्शित कार्यवाही पूरी होने के बाद किसान को पटवारी से मिलना होता है। पटवारी से भूमि का वर्तमान में क्या मूल्य है का प्रमाण पत्र देता है जिस पर सबंधित राजस्व निरीक्षक के काउंटर साईंन कराने पर यह प्रमाण पत्र मान्य होता है। इसके साथ "खसरा और किश्तबंदी" भी आवश्यक होती है। 
  • किसान जब भूमि के मूल्य और खसरा किश्तबंदी लेकर बैंक में जाता है तब कृषि अधिकारी उसे तीन बंधक फार्म देता है। इसमें से एक बंधक पत्र रजिष्ट्रार पंजीयन को देकर पावती लेता है और दूसरा बंधक पत्र तहसील कार्यालय में देता है। रजिस्ट्रार उसी समय पावती के साथ "बंधक रखा गया" लिखकर दे देता है।  जबकि तहसील जार्यालय उस व्यक्ति के खसरे में  बंधक की प्रक्रिया के लिए तीन चार दिन लेता है। 
  • बंधक की कार्यवाही तहसीलदार ने पूर्ण कर ली इसके लिए उस खसरे की कॉपी भी लेना होता है। जिसमे बंधक की कार्यवाही की गयी है, की प्रति भी ले जाकर बैंक के कृषि अधिकारी को देने पर बैंक ऋण स्वीकृत कर किसान के खाते में जमा कर देता है। इसके लिए किसान को बचत खता उस बैंक में न हो तो उसे बचत खाता खोलना पड़ता है। 
  • कृषि अधिकारी यह ऋण किसान के पास कितनी भूमि है और उस पर बोई गयी फसल के आधार पर स्वीकृत करता है। किसान को जब जरुरत हो तब इस ऋण राशि को निकालना चाहिए ताकि इस ऋण लगने वाले ब्याज की राशि की बचत हो सके सामान्यतः इस ऋण पर "5 प्रतिशत ब्याज" लगाया जाता है किन्तु बैंक द्वारा तय की गयी सीमा में ऋण की राशि पटाने पर राज्य शासन "4 प्रतिशत ब्याज" अपनी ओर से बैंक को देता इस प्रकार केसीसी पर मात्र 1 प्रतिशत ब्याज बैंक लगाता है। 
  • यह ऋण स्वीकृति के दिनांक से एक वर्ष की अवधि के लिए होता है इसे नियत अवधि के अंदर जमा करना होता है। जिस दिन राशि जमा की दूसरे दिन "10 प्रतिशत बढ़कर" किसान के खाते में बैंक जमा कर देता है। यह प्रक्रिया पांच वर्ष तक चलती है। पांच वर्ष के बाद इसके नवीनीकरण के लिए उसी प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है जो किसान ने ऋण लेने के लिए अपनायी थी। 




केसीसी की यह योजना किसानो को साहूकारों के चंगुल से मुक्त करने के भारत सरकार ने लायी है और अनेक किसानो ने इस योजना का लाभ भी लिया है।

इस योजना में आने वाली प्रेक्टिकल समस्याएं

Practical Problems While Applying or Obtaining Kisan Credit Card - KCC -: यह प्रक्रिया काफी पेचीदा है लेकिन यदि आप सरकारी दफ्तरों के कार्यों में अनुभवी हैं तो काफी सरलता से इसे प्राप्त कर सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड आवेदन के समय आने वाली कुछ प्रत्यक्ष समस्याएं हम नीचे बिंदुवार बता रहे हैं।

  • पटवारी भू-मूल्य के प्रमाण पत्र के लिए राशि (रिश्वत) की मांग करता है। उसे राशि देने से बचना चाहिए क्योकि किसान कर्ज ले रहा उसे सरकार अनुदान नहीं दे रही है। यदि वह किसान को ज्यादा परेशान करता है तब तहसीलदार या कलेक्टर को इसकी शिकायत की जा सकती है। 
  • सर्च रिपोर्ट के बैंक के वकील की निर्धारित है इसे बैंक के कृषि अधिकारी से ज्ञात किया जा सकता है। इससे अधिक राशि वकील को देने की आवश्यकता नहीं है। अधिक राशि की मांग करने पर बैंक मैनेजर से वकील की शिकायत की जा सकती है। 
  • तहसील कार्यालय खसरे पर बंधक चढाने के पैसे की मांग करते है तहसीलदार या मुख्यमंत्री हेल्प लाइन (Chief Minister - CM Helpline) में शिकायत की जा सकती है। यदि आप मध्य प्रदेश के निवासी हैं तो आप 181 (Toll Free) नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप विकासपीडिया में पढ़ सकते हैं। 

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उम्मीद है आपको हमारे द्वारा दी गई किसान क्रेडिट कार्ड हेतु आवेदन प्रक्रिया (Kisan Credit Card Apply) की जानकारी से जरूर लाभ मिलेगा। यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई हो तो कृपया अपने मित्रों तथा परिवारजनों के साथ जरूर शेयर करें।

यदि आपको आवेदन करने में यदि कोई परेशानी हो रही है तो आप हमसे सहायता ले सकते हैं। कृपया अपना प्रश्न नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। हमारी टीम आपकी पूरी सहायता करेगी। यदि आपको किसी और राज्य या केंद्र सरकार की योजना की जानकारी चाहिए तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में हमसे पूछें।

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लेखक: R.P. Kasture, Former Joint Director UADD, Jaitpur Khurd, Tahsil - Mohkhed, District Chhindwara - 480001